Monday 3 August 2015

कीमत क्या है यहाँ गवाही की

कीमत क्या है यहाँ गवाही की
जैसी आज्ञा हो जिल्ले - ईलाही  की

अभी नफ़रत बहुत है दिलो में
अभी जरुरत नहीं गंगा सफाई की

तुमने खरीदा वो कुछ और होगा
इस्मत बाकि है अभी रौशनाई की

मै कब से सच बोल रहा हु
अब सजा तो दे दो बेगुनाही की

भूख , भय , झूठ ,फरेब
बैनर लगवादें तुम्हारे खुदाई की  

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