Wednesday 26 November 2014

हॅ अगर प्यार तो मत छुपाया करो: ( अंजुम रहबर )

हॅ अगर प्यार तो मत छुपाया करो ,
हम से मिलने खुले आम आया करो

प्यार करना ना करना अलग बात है ,
कम से कम वक्त पर घर तो आया करो

- अंजुम रहबर ( Anjum Rahbar )

Tuesday 11 November 2014

मुझे जलाना मत

मुझे जलाना मत ,
जानता हूं मॅ हिन्दु हुं
ये रस्म है जो
तुम्हे भी निभानी होगी
लेकिन मेरे जिस्म मे ,
रूह मे खून के एक एक कतरे मे
फराज फॅज और मीर की
जिन्दगी भी शामिल है
दुनिया कहती है वो मुसलमान है
और मुसलमानो को जलाया नही जाता
तुम रस्म के हाथो मजबुर हो
मै सच के हाथो
या कमजोर  हु ,
की वो लकिरे जो सरहद पे है
या मजहबो के बीच
उन मे मॅ बंट नही पाया
तुम बांट देना
बांट पाओ तो , 

Tuesday 4 November 2014

मेरा ईश्क न हुआ लोकपाल हो गया

ना हां कहा ना मना किया ,
मेरा ईश्क न हुआ  लोकपाल हो गया

मौलवी साहब

पहले घर की दालान से शिव मंदिर दिखता था आहिस्ता आहिस्ता साल दर साल रंग बिरंगे पत्थरों ने घेर लिया मेरी आँख और शिव मंदिर के बिच के फासले क...