Monday 15 February 2016

रंग तो सात होते है

रंग तो सात होते है
सब की अपनी अपनी पहचान
अपना अस्तित्व।
लेकिन यहाँ तो रंग तीन ही है
तीन रंग जिनको
साथ में सिला गया है
उम्मीद के धागे से।
लगाए गए है पहिये
ताकि वो चलते रहे
सभ्यता की निशानी की तरह
" चरैवेति - चरैवेति " का संदेश देते रहे
फिर बाकी रंगो का क्या ?
हां , समझाया गया था उनको
मिल जाओ इन्ही तीन रंगो में
चलते रहो क्योकि तीनो रंगो ने
साथ सदेव चलने की कसम खाई है
अपना अस्तित्व उन्ही
तीन रंगो में देखो
ठीक है , बाकी रंगो ने कहा
लेकिन एक सवाल
हम क्या करेंगे अगर
वो तीन रंग जिन्होंने
साथ चलने की
सबको  साथ ले चलने की
कसम खाई है
कैची ले कर
धागो को काटे
और फैसला करे
अलग अलग चलने का ?
कुछ निम्न वर्ग के रंगो ने कहा
हम कुछ रंग , बदरंग सही
साथ मिल कर
उम्मीद के धागो से
आपस में जुड़ेंगे
लेकिन फिर तुम लोगो ने भी
कैची उठाई तो ?
एक और बदरंग ने पूछा





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