Wednesday 13 January 2016

अखलाक ना बरतेंगे मुदारा न करेंगे - जॉन एलिया

अखलाक ना बरतेंगे मुदारा न करेंगे 
अब हम किसी शख्स की परवाह ना करेंगे 

कुछ लोग कई लफ़्ज गलत बोल रहे है 
इस्लाह मगर हम भी अब इस्लाह ना करेंगे 

कमगोई के एक वस्फ -ए- हिमाक़त है बहर तो 
कमगोई को अपनाएंगे चहका ना करेंगे 

अब सहल पसंदी को बनाएंगे वतीरा 
ता देर किसी बाब में सोंचा ना करेंगे 

गुस्सा है तहज़ीब-ए-ताल्लुक़ का तलबगार 
हम चुप है बाहर बैठे है गुस्सा ना करेंगे 

कल रात बहुत गौर किया है सो ऐ जॉन 
तय कर के उठे है के तमन्ना ना करेंगे   

- जॉन एलिया 

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