Tuesday 24 June 2014

नियम

नियम

पहले आया शब्द लिखने के नियम ,
बोलने के नियम
व्याकरण के नियम 
घर में रहने के नियम , 
कच्ची दोस्ती के नियम , 
खेल कूद के नियम 
मेरे सच्चे या झूठे होने के लिए नियम 
मेरी जात मेरे वर्ण मेरे क्या क्या होने के
प्रमाण के लिए नियम
मेरे चलने के लिए नियम
गिर के सँभालने के लिए नियम
मेरे हिंदू होने के नियम ,
हिंन्दु से अहिंदू ना हो जांऊ
उसके लिए नियम
मै बड़ा हु या छोटा
अमिर या गरीब
राजा या रंक
सबके लिए नियम
मै समझदार हु या नासमझ
ये नियम से होगा निर्धारित
मै स्वर्ग में जाऊंगा या नरक में ,
जनेऊ पहन सकता हु या नहीं ,
मांस मछली खा के पापी हो जाऊंगा
सब के लिए अपने अपने
अलग अलग नियम अलग अलग तर्क
तर्क में जीत हार निर्धारित करने के लिए भी नियम
आजकल शहर में पंछी नहीं दिखते
वर्ना आजाद ना हो पाया
अपनी उड़ान ना उड़ पाया
इस मलाल से दूर
निकल पाने के लिए
एक नियम बनाता रहता

No comments:

Post a Comment

मौलवी साहब

पहले घर की दालान से शिव मंदिर दिखता था आहिस्ता आहिस्ता साल दर साल रंग बिरंगे पत्थरों ने घेर लिया मेरी आँख और शिव मंदिर के बिच के फासले क...