Saturday 5 September 2015

हमको मालूम है देश की हकीकत लेकिन

जब सरकारी योजनाओ ने देश के गाव देहात का दॉरा किया तो फाईलो मे छिपी सॅंपल गरीबी का कद ऑर नाक-नक्श बहुत भयावाह लगा l जब ये खबर संसद भवन पहुंची तो सभी ने एक स्वर मे कहा
"हमको मालूम है देश की हकीकत लेकिन

'कुछ' को खुश रखने को ग़ालिब ये माहॉल अच्छा है।"

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