Monday 8 December 2014

उसे हिन्दुस्तान मे हम ऑरत कहते है

जिसको पहले हम
पॅदा ही नही होने देते
होने पर जिन्दगी भर कोसते है 
उसे हिन्दुस्तान मे हम ऑरत कहते है
जिसको खरीदने के लिये
दिवारो का सहारा लिया जाता है
खरीदार बेरोकटोक घुमते है
सामान अंधेरो मे गुम हो जाता है
नया दुकानदार भी शादी के नाम पर
अच्छा मोल भाव करता है
सामान को परखता है
इस्तेमाल करता है ,
पसंद ना आने पे जला देता है
दुकान्दार कभी कभी हमारे
घरो मे भी मिलते है ,
ऑर सामान को
हिन्दुस्तान मे हम ऑरत कहते है
जिससे प्यार सबको चाहिये
दुलार सबको चाहिये ,
सब की भुख भी वही
अलग अलग रुप अलग अलग नाम
बन कर जिन्दगी भर मिटाती है
भुख ना मिटने पर
सिर्फ नोंची जाती है काटी जाती है
खाने वाला पेट भर
अगले सामान की खोज मे
निकल जाता है ,सामान दम तोड देता है
एसे खाने वाले कभी कभी हमारे
घरो मे भी मिलते है ,
ऑर सामान को
हिन्दुस्तान मे हम ऑरत कहते है
इस सामान को एसे ही सदियो से इस्तेमाल करने वाले को मर्द कहते है

- Saurav Kumar Sinha

1 comment:


  1. Thank you for sharing such great information.
    It has help me in finding out more detail about best cake shops in mumbai

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