Tuesday 21 October 2014

जिन्दगी मे सदा रॉशनी के लिये ,

जिन्दगी मे सदा रॉशनी के लिये ,
हम बुझते रहे रॉशनी के लिये

कितने जुगनु की हिम्मत बढेगी अगर
मर गए आज हम रॉशनी के लिये

आंधीयों से सॉदा मुमकिन नही
ये बगावत सही रॉशनी के लिये

ना हॅ राहे ना राहिल ना मंजील कोई
बस सफर ही सफर रॉशनी के लिये

Saurav Kumar Sinha

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