कीमत क्या है यहाँ गवाही की
जैसी आज्ञा हो जिल्ले - ईलाही की
अभी नफ़रत बहुत है दिलो में
अभी जरुरत नहीं गंगा सफाई की
तुमने खरीदा वो कुछ और होगा
इस्मत बाकि है अभी रौशनाई की
मै कब से सच बोल रहा हु
अब सजा तो दे दो बेगुनाही की
भूख , भय , झूठ ,फरेब
बैनर लगवादें तुम्हारे खुदाई की
जैसी आज्ञा हो जिल्ले - ईलाही की
अभी नफ़रत बहुत है दिलो में
अभी जरुरत नहीं गंगा सफाई की
तुमने खरीदा वो कुछ और होगा
इस्मत बाकि है अभी रौशनाई की
मै कब से सच बोल रहा हु
अब सजा तो दे दो बेगुनाही की
भूख , भय , झूठ ,फरेब
बैनर लगवादें तुम्हारे खुदाई की
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