मेरी थकन के वास्ते कोई गीत गुनगुनाओ
शाम-ए-सुखन के वास्ते कोई गीत गुनगुनाओ
जहा ग़म मिटे है तेरे हम आशिको के बीच
उस अंजुमन के वास्ते कोई गीत गुनगुनाओ
दो चार दिन में साकी हम भी फ़ना तो होंगे
बस इस घुटन के वास्ते कोई गीत गुनगुनाओ
कुछ कर्ज है ये ऐसा मर कर अदा ना होगा
एहले - वतन के वास्ते कोई गीत गुनगुनाओ
शाम-ए-सुखन के वास्ते कोई गीत गुनगुनाओ
जहा ग़म मिटे है तेरे हम आशिको के बीच
उस अंजुमन के वास्ते कोई गीत गुनगुनाओ
दो चार दिन में साकी हम भी फ़ना तो होंगे
बस इस घुटन के वास्ते कोई गीत गुनगुनाओ
कुछ कर्ज है ये ऐसा मर कर अदा ना होगा
एहले - वतन के वास्ते कोई गीत गुनगुनाओ
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