चार दीवारे थी ,
छत ,
सोने के लिए बिस्तर चादर
वो रात दूर किसी देश की
समस्या सुलझता
साथी दिन में अपना
मकसद ले किसी
और के मकसद को पूरा करती
अब उस उजाड़ घर में
एक जोड़े ने घोसला
बना लिया है
अब वो मकान घर हो गया है
छत ,
सोने के लिए बिस्तर चादर
वो रात दूर किसी देश की
समस्या सुलझता
साथी दिन में अपना
मकसद ले किसी
और के मकसद को पूरा करती
अब उस उजाड़ घर में
एक जोड़े ने घोसला
बना लिया है
अब वो मकान घर हो गया है