ईतिहास की ताल पर
वर्तमान का भुखा नाच ,
खाने को जुमले वादे ऑर
पुरानी पंच वर्षिय योजना की फाईले
कब तक बुद्ध ऑर अशोक को परोसोगे ,
यथार्थ की मार से
भविष्य की छाती छलनी हो रही
सब बने गांधारी ...
जहां होते हॅ ऍसे बीमार
वो हॅ मेरा बिहार
वर्तमान का भुखा नाच ,
खाने को जुमले वादे ऑर
पुरानी पंच वर्षिय योजना की फाईले
कब तक बुद्ध ऑर अशोक को परोसोगे ,
यथार्थ की मार से
भविष्य की छाती छलनी हो रही
सब बने गांधारी ...
जहां होते हॅ ऍसे बीमार
वो हॅ मेरा बिहार
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