अखलाक ना बरतेंगे मुदारा न करेंगे
अब हम किसी शख्स की परवाह ना करेंगे
कुछ लोग कई लफ़्ज गलत बोल रहे है
इस्लाह मगर हम भी अब इस्लाह ना करेंगे
कमगोई के एक वस्फ -ए- हिमाक़त है बहर तो
कमगोई को अपनाएंगे चहका ना करेंगे
अब सहल पसंदी को बनाएंगे वतीरा
ता देर किसी बाब में सोंचा ना करेंगे
गुस्सा है तहज़ीब-ए-ताल्लुक़ का तलबगार
हम चुप है बाहर बैठे है गुस्सा ना करेंगे
कल रात बहुत गौर किया है सो ऐ जॉन
तय कर के उठे है के तमन्ना ना करेंगे
- जॉन एलिया
No comments:
Post a Comment