Monday, 11 January 2016

और एक ग़ज़ल हो गई

खाली थाली पर चार जोड़ी निगाहें ,
चूल्हे पे पकता अर्थव्यवस्था को सारांश
थाली पे पड़ी रोटी की पहली थाप
और एक ग़ज़ल हो गई 

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