सभे के शुभ बिहान..........छठ व्रत जइसन पवित्र आ संयमित त्योहार मनावे वाला समाज के हमनी हिस्सा बानी सन.......एकर हमनी का गर्व होखे के चाहीं........जय छठी मईया.......
गंगा,गंडक,कोसी,कमला, बलान, पुनपुन, सोन, कोयल, बागमती, कर्मनाशा, फल्गु, करेह, नूना, किऊल चाहे जो भी नदी हो जो भी घाट हो , आज दिये से सजा बच्चो के उत्साह से पटा और व्रतधारियो के ओज से सुशोभित हो रहा होगा यहां शहर मे आंखे सुबह से खोज रही है कोई घाट मिले ऑर कानो को तलाश है की कही से शारदा पुत्री शारदा सिंहा की आवाज मे केलवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय, उ जे खबरी जनइबो अदित्य से सुगा दिहले जुठीयाय, उ जे मरबउ रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरुछाय सुगनी जे रोवय वियोग से आदित्य होऊ न सहाय सुनाई दे दे
छठ का त्यौहार है, हर मन में बिहार है
गंगा,गंडक,कोसी,कमला, बलान, पुनपुन, सोन, कोयल, बागमती, कर्मनाशा, फल्गु, करेह, नूना, किऊल चाहे जो भी नदी हो जो भी घाट हो , आज दिये से सजा बच्चो के उत्साह से पटा और व्रतधारियो के ओज से सुशोभित हो रहा होगा यहां शहर मे आंखे सुबह से खोज रही है कोई घाट मिले ऑर कानो को तलाश है की कही से शारदा पुत्री शारदा सिंहा की आवाज मे केलवा जे फरये ला घवद से ओहपर सुगा मंडराय, उ जे खबरी जनइबो अदित्य से सुगा दिहले जुठीयाय, उ जे मरबउ रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरुछाय सुगनी जे रोवय वियोग से आदित्य होऊ न सहाय सुनाई दे दे
छठ का त्यौहार है, हर मन में बिहार है
No comments:
Post a Comment