जिन्दगी मे सदा रॉशनी के लिये ,
हम बुझते रहे रॉशनी के लिये
कितने जुगनु की हिम्मत बढेगी अगर
मर गए आज हम रॉशनी के लिये
आंधीयों से सॉदा मुमकिन नही
ये बगावत सही रॉशनी के लिये
ना हॅ राहे ना राहिल ना मंजील कोई
बस सफर ही सफर रॉशनी के लिये
Saurav Kumar Sinha
हम बुझते रहे रॉशनी के लिये
कितने जुगनु की हिम्मत बढेगी अगर
मर गए आज हम रॉशनी के लिये
आंधीयों से सॉदा मुमकिन नही
ये बगावत सही रॉशनी के लिये
ना हॅ राहे ना राहिल ना मंजील कोई
बस सफर ही सफर रॉशनी के लिये
Saurav Kumar Sinha
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