मै जानता हु शोर बहुत है
इतना ज्यादा कि
तुम्हारी आवाज़ भी तुम तक
नहीं पहुंच रही
तुम चाहते भी यही हो
और तुम मानते हो कि
ये ज़रुरी भी नहीं।
फिर विरोध करते है ?
उस शोर का ?
लेकिन ये तो वही शोर है
ऐसी आवाजों से बना हुआ
शोर जो मुँह से बोला तो जाता है
लेकिन कान तक पहुंचने के लिए नहीं
केवल शोर पैदा करने के लिए
जैसे तुम्हारी आवाज़ जो तुम
चाहते हो तुम्हारे या किसी की कानों
पे ना पहुंचे बस शोर बन के रहे
बहुत फायदे है इस शोर के
इतना ज्यादा कि
तुम्हारी आवाज़ भी तुम तक
नहीं पहुंच रही
तुम चाहते भी यही हो
और तुम मानते हो कि
ये ज़रुरी भी नहीं।
फिर विरोध करते है ?
उस शोर का ?
लेकिन ये तो वही शोर है
ऐसी आवाजों से बना हुआ
शोर जो मुँह से बोला तो जाता है
लेकिन कान तक पहुंचने के लिए नहीं
केवल शोर पैदा करने के लिए
जैसे तुम्हारी आवाज़ जो तुम
चाहते हो तुम्हारे या किसी की कानों
पे ना पहुंचे बस शोर बन के रहे
बहुत फायदे है इस शोर के
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