सबसे अच्छा होता है
वक्त का मरहम।
जो परत दर परत
यादो पे
नए गम की परत
बिना पूछे चढ़ाता रहता है।
बिना पूछे इस लिए,
वो मरहम की असंख्य
परतो के नीचे दबा हुआ
वो पुराना जो अब
अनकहा हो चुका है
ग़ुम हो जाता है।
कुरेदने पे दर्द तो होता है
लेकिन वो नहीं मिलता
जिसकी तलाश होती है
हां छिल जाता है पूरा
मेरा नया अस्तित्व भी
लहू लुहान हो जाती है
उसके ऊपर की सारी परते
और सड़ने लगता है
वर्तमान।
लेकिन कुरेदने की तो आदत है
अब उस सड़न की आदत
हो गई है।
वक्त का मरहम।
जो परत दर परत
यादो पे
नए गम की परत
बिना पूछे चढ़ाता रहता है।
बिना पूछे इस लिए,
वो मरहम की असंख्य
परतो के नीचे दबा हुआ
वो पुराना जो अब
अनकहा हो चुका है
ग़ुम हो जाता है।
कुरेदने पे दर्द तो होता है
लेकिन वो नहीं मिलता
जिसकी तलाश होती है
हां छिल जाता है पूरा
मेरा नया अस्तित्व भी
लहू लुहान हो जाती है
उसके ऊपर की सारी परते
और सड़ने लगता है
वर्तमान।
लेकिन कुरेदने की तो आदत है
अब उस सड़न की आदत
हो गई है।
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