हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार काशी नाथ सिंह और उर्दु के महबुब और मशहुर शायर मुन्नवर राणा ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लॉटाया ..जिस देश मे सत्य की स्थापना का काम साहित्य ने किया हो जिसको गर्व हो अपनी भाषा की विविधता पे , जहा सूर और तुलसी केवल कवि नही वरण पुजनिय समझे जाते हो , जहां कविता ने धर्म को बल दिया , अजादी की लडाई मे स्वर दिया, प्रेरणा दी , आज उन सभी शब्द शिल्पियो को चॉतरफा घेरा जा रहा है , गाली दी जा रही है सभ्य समाज देख रहा है l दंगाई बलवाई देश मे कानुन तय कर रहे है ऑर हुकुमत मौन है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मौलवी साहब
पहले घर की दालान से शिव मंदिर दिखता था आहिस्ता आहिस्ता साल दर साल रंग बिरंगे पत्थरों ने घेर लिया मेरी आँख और शिव मंदिर के बिच के फासले क...
-
तेरा वादा ना पूरा हुआ , शाम से फिर सहर हो गई मुझको खिड़की पे बैठे हुए , आज भी रात भर हो गई। दो दिलो को जुदा कर गई एक परदेस की नौकरी वो भ...
-
जॉन के बारे में लिखने से पहले मै ये स्पष्ट करना चाहूँगा कि मै ना तो कोई शायर हु ना हीं उर्दू का जानकार और किसी भी फलसफे से मेरा कोई ख़ास र...
-
हॅ अगर प्यार तो मत छुपाया करो , हम से मिलने खुले आम आया करो प्यार करना ना करना अलग बात है , कम से कम वक्त पर घर तो आया करो - अंजुम रह...
No comments:
Post a Comment