Wednesday, 30 September 2015

शान्ति कोई प्रस्ताव नहीं जिस पे वाद विवाद हो

शान्ति कोई प्रस्ताव नहीं जिस पे वाद विवाद हो , शान्ति एक आवश्यकता है।  दादरी में एक मंदिर से ये घोषणा हुई की फलां आदमी ने गो मांस खाया है तो भीड़ ने उसकी ह्त्या कर दी।  मृत की बेटी ने कहा की अगर मांस गो मांस ना हुआ तो क्या लोग उसके अब्बा को वापस ला देंगे ?  क्या इसी मन्दिर की बात हम १९९१  से कर रहे है या इसी प्रकार के मन्दिर की?

No comments:

Post a Comment

मौलवी साहब

पहले घर की दालान से शिव मंदिर दिखता था आहिस्ता आहिस्ता साल दर साल रंग बिरंगे पत्थरों ने घेर लिया मेरी आँख और शिव मंदिर के बिच के फासले क...