मेरी आँखों पे चश्मा
इस लिए नहीं था ,
की
मै नज़र नहीं मिला पाउँगा
इस लिए था की नजर मिलाने पे
तुम
शर्मिन्दा ना हो जाओ
और अगर झुक नहीं पाती नजर
तो फिर टकराते
दो कभी ना मिलाने वाले किनारे
और मुझे फिर
चश्मा लगाना पड़ता
ताकि कोई हार ना जाए
इस लिए नहीं था ,
की
मै नज़र नहीं मिला पाउँगा
इस लिए था की नजर मिलाने पे
तुम
शर्मिन्दा ना हो जाओ
और अगर झुक नहीं पाती नजर
तो फिर टकराते
दो कभी ना मिलाने वाले किनारे
और मुझे फिर
चश्मा लगाना पड़ता
ताकि कोई हार ना जाए
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