अपनी तस्वीर रोज बनाता है
जाने क्यो आईने से घबराता है
जाने क्यो आईने से घबराता है
ईतने मश्गूल है खुद मे ही हम
किसी का कौन अब दिल दुखा्ता है
किसी का कौन अब दिल दुखा्ता है
ये सीखना मुनासिब नही है बच्चो
चांद अकेला है फिर भी मुस्कुराता है
चांद अकेला है फिर भी मुस्कुराता है
ये मोहब्बत नही हॅ बंदगी के आंसु है
ईस कतरे मे समंदर डुब जाता है
ईस कतरे मे समंदर डुब जाता है