नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने वकालत के पेशे के व्यावसायीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अब अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ना इतना महंगा हो गया है कि यह गरीब आदमी की पहुंच से बाहर हो चुका है। शीर्ष अदालत के अनुसार न्यायिक प्रक्रिया इतनी धीमी है कि लोग अब इस बात से आश्वस्त हो गए हैं कि मुकदमा उनके जीवनकाल में खत्म नहीं होगा। न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति एसए बोब्डे की खंडपीठ ने कहा कि वकालत को कभी कुलीन पेशे के रूप में जाना जाता था लेकिन मौजूदा दौर में यह पेशा व्यावसायिक आश्वासन में तब्दील हो गया है।
न्यायाधीशों ने कहा कि न्याय प्रशासन में न्यायाधीशों के साथ ही वकीलों की समान भागीदारी होती है और वकील संदिग्ध व्यक्ति या सिर्फ मुकदमों के सहारे ही जीवन यापन करने वाले व्यक्ति जैसा आचरण नहीं कर सकते हैं। वकील द्वारा जानबूझ कर वादकारी के हितों की अनदेखी करना एक वकील के अनुरूप नहीं है।
कानून व्यापार नहीं है। एक वकील अदालत का अधिकारी है और इस नाते उसका यह कर्तव्य है कि वह सुचारू ढंग से न्यायालय का कामकाज सुनिश्चत करे। वकील को संकट में घिरे व्यक्ति की उम्मीदे जगानी होती हैं और वह असहाय वादी का शोषण नहीं कर सकता है।
शीर्ष अदालत ने मुकदमे को लंबा खींचने और बहस के लिए दूसरे वकील की सेवायें लेने जैसी गतिविधियों पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की और कहा कि यह तो वादी को अपने जाल में फंसाने जैसा हुआ जो नैतिक रूप से और पेशेगत दृष्टि से ठीक नहीं है।
न्यायाधीशों ने कहा कि न्याय प्रशासन में न्यायाधीशों के साथ ही वकीलों की समान भागीदारी होती है और वकील संदिग्ध व्यक्ति या सिर्फ मुकदमों के सहारे ही जीवन यापन करने वाले व्यक्ति जैसा आचरण नहीं कर सकते हैं। वकील द्वारा जानबूझ कर वादकारी के हितों की अनदेखी करना एक वकील के अनुरूप नहीं है।
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लेकिन अब इन समस्याओं का निदान संभव है , अगर आप अपना केस लड़ने में आर्थिक और कानूनी रूप से असमर्थ है तो आपकी मदद करेगा advok8.in Third party litigation funding के द्वारा ना केवल वो आपकी कानूनी रूप से सहायता करेगा बल्कि आर्थिक मदद करेगा। के मार्केटिंग हेड सौरव कुमार सिन्हा का कहना है कि हमारा लक्ष्य देश में लोगो को कानूनी रूप से जागरूक एवं सजग करना है। अपने एप के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा की अभी तक 10000 से ज्यादा वकील उनके साथ जुड़ चुके है और एप पे दी जाने वाली टेक्नोलॉजी से वकीलों की कार्यक्षमता में बढ़ावा हुआ है और उनका काम पहले से ज्यादा सुचारु रूप से चल रहा है।
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